आजकल के समय में जब परिवार में हर कोई पैसे कमाने की धुन में लगा हुआ है तब ऐसे में जो सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है वह है बच्चों का बचपन, बच्चों को घर में खेलने के लिए अब खेल खिलौने और समय नहीं दिया जाता है बल्कि उनके हाथ में मोबाइल फोन, गैजेट,लैपटॉप पकड़ा दिए जाते हैं इसके अलावा स्कूलों में चलने वाली ऑनलाइन पढ़ाई,ऑनलाइन ट्यूशन इन सब में गैजेट का इस्तेमाल किया जाता है|
इस भागदौड़ भरे समय में मां-बाप यह भूल जाते हैं कि इन गैजेट्स के इस्तेमाल का बच्चों के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ रहा है|
समय के साथ-साथ बच्चों के खेलने के तरीके बदल गए हैं अब खेल खिलौने पार्क आदि में बच्चे कम देखने को मिलते हैं और इनका ज्यादातर समय मोबाइल देखने और लैपटॉप चलाने में निकल जाता है|
आज अपने आर्टिकल मे आपको बताएंगे कि कैसे क्या गैजेंट्स का इस्तेमाल बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है मोबाइल लैपटॉप चलाने का बच्चों के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ रहा है|
1. आंखों पर दबाव
बच्चे जब लगातार मोबाइल का प्रयोग करते हैं तो इसका सबसे ज्यादा असर उनकी कोमल आंखों पर पड़ता है बच्चों की आंखें बहुत नाजुक होते हैं और मोबाइल से निकालने वाली रेडिएशन बहुत ज्यादा खतरनाक होती हैं इनका परिणाम यह होता है कि कम उम्र से ही बच्चों की आंखों पर चश्मे लग जाते हैं और उनकी आईसाइट बहुत भी खो जाती है|
2- शारीरिक विकास धीमा हो जाना
लगातार मोबाइल पर समय व्यतीत करने की वजह से बच्चे बाहर निकलकर खेलना कम पसंद करते हैं इसका असर उनके शारीरिक विकास पर पड़ता है जब तक बच्चे बाहर निकल कर खेलेंगे नहीं उनका शारीरिक विकास सही से नहीं हो पाएगा |
3- मोटापा बढ़ना
मोबाइल व टीवी देखने के लिए बच्चों को एक जगह बैठना पड़ता है और एक जगह बैठकर खाने पीने की आदत डालने से बच्चों के शरीर में मोटापा बनना शुरू हो जाता है | यदि आपके बच्चों को मोबाइल देखने की लत लग गई है तो आप उस लत को धीरे धीरे छुड़ाये नहीं तो धीरे-धीरे आपका बच्चा ओबेसिटी का शिकार हो जाएगा|
4- नींद की कमी होना
लगातार मोबाइल प्रयोग करते रहने की वजह से बच्चों की नींद में भी कमी आ गई है वह ज्यादा से ज्यादा समय अपना मोबाइल पर गेम खेलते हुए या फिर ऑनलाइन बिताना चाहते हैं इसका असर यह होता है उन्हे नींद ना आने की समस्या आने शुरू हो जाती है जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है |
5 – आक्रामकता
बच्चों के व्यवहार में आक्रामकता आनी शुरू हो गई है वह जो भी चीजें मोबाइल पर देखते हैं उसी चीज को एक्सेप्ट करते हैं वह उसी दुनिया में जीना पसंद करते हैं |ऐसा देखा गया है कि मोबाइल पर समय बिताने वाले बच्चों में अधिक उत्साह पाया जाता है उनके व्यवहार में एक अजीब सी आत्मकथा आ गई है |
6- डिजिटल स्मृति लोप
बच्चों की याददाश्त कमजोर होने लगी है वह चीजों को ज्यादा लंबे समय तक याद नहीं रख पाते हैं और ना ही पढ़ाई पर अपना ध्यान केंद्रित कर पाते हैं
7- लत लगना
लगातार मोबाइल प्रयोग करने की ऐसी लत बच्चों में लग गई है कि इस लत को लगने की वजह से बच्चे अपना ज्यादातर समय मोबाइल पर ही बिताते हैं वह चाह कर भी ना अपने माता पिता का कहना मानते हैं और ना ही कहीं आना जरा पसंद करते हैं |
8- रेडिएशन के खतरे
मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन किरने स्वास्थ्य के लिए इतनी ज्यादा खतरनाक होती है इनका असर बच्चों के मस्तिष्क पर और उनके विकास पर सीधा पड़ता है ज्यादा से ज्यादा बच्चों को संभव फाइल पर समय बिताने से रोकना चाहिए |
9- दिमाग का तेज विकास नुकसान है
बच्चे डिजिटल की दुनिया में इतना खो गए हैं कि वह अपने आसपास की दुनिया को देखना भूल गए हैं समय के साथ-साथ उनकी ग्रोथ बहुत ज्यादा हो गई है वह मोबाइल पर वह चीज है देखते हैं जो अभी उनकी उम्र से काफी आगे हैं जो कि उनके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है|
10- अटैचमेंट डिसऑर्डर
बच्चे जब मोबाइल प्रयोग करना शुरू कर देते हैं तो धीरे-धीरे उनका अटैचमेंट आसपास के लोगों से अपने दोस्तों से यहां तक कि अपने माता-पिता से भी कम होना शुरू हो जाता है| वह ज्यादा से ज्यादा समय मोबाइल पर व्यतीत करते हैं और उनका व्यवहार आसपास के लोगों के प्रति उदासीन हो जाता है |
टेक्नोलॉजी का अगर पॉजिटिव इफ़ेक्ट हमारी लाइफ पर पड़ा है तो इसके नेगेटिव इफ़ेक्ट भी बहुत है और बात जब बच्चो की आ जाये तो इसके काफी दुष्प्रभाव हमे बच्चो पर देखने को मिल रहे है, मोबाइल का उसे बच्चो से लिमिटेड ही करना चाहिए क्युकी डॉक्टर भी एक लिमिट से ज्यादा मोबाइल का उसे करने की सलाह नहीं देते है,